मेरी दोस्त
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आज की कविता
डॉ प्रमोद दीक्षित
मेरी बीवी मेरी हमसफर
मेरी हमनवां ,मेरी चाराग़र
मेरी आरज़ू, मेरी जुस्तजू
राहो में ,पनाहो में
सफीनो में कलामो में
तू ही तू,तू ही तू
में भी तू ,तू भी तू
सूफियो की फ़ना भी तू
आलिमो की सना भी तू
तू हे तो हम भी हें
तू नहीं तो कुछ नहीं
में नहीं कुछ नहीं
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