Thursday, May 8, 2014

सब कुछ सीखा हमने ,न सीखी   होशियारी
सच्च है मेरे दोस्तों ,हम सिद्ध हुए हैं अनाड़ी
कदम कदम पर झटके ,पग पग पर फरेब
भोले चेहरे ,सुन्दर मुखड़े ,सच से गुरेज़
आज्ञाकारी पीछे पीछे तोड़ते चलते विश्वास
भक्त बन कर धोखा देनेवालों से क्या आस ?
माता पिता भेजते यहाँ एक ऊंचा इंसान बनाने को
वो आते यहाँ सिर्फ दोस्ती प्यार बढ़ाने को
में ज्ञान बाँटने को कहता ,वो प्यार बाँटना सुनते
में गंभीर रहने को कहता ,वो वैसा चेहरा लगा लेते
में उन्हें  IAS  पढ़ाता,वो लगते ILU  पढ़ने

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