09 APR 2014 UPLOAD...AAJ KI PASAND
DR PRAMOD KUMAR DIXIT
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बहुत याद आता है
वो गुजरा जमाना .....!
DR PRAMOD KUMAR DIXIT
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बहुत याद आता है
वो गुजरा जमाना .....!
वो कॉफ़ी का मग
और तेरा रूठ जाना |
इस बीच हवा से
वो तेरे चेहरे पर से
जुल्फों का उड़ जाना ....!
वो भागते हुए तेरा
ट्रेन पकड़ना और
मेरी चाबी साथ ले जाना
वो फोन का आना
वो तेरा झल्लाना
वो रातों का जागना
और सुबह सो जाना
उठाने के लिए में हूँ न
तो कल से क्या घबराना |
वो मेरे गाल पर कुछ कुछ लिख्ना
और फिर क्या लिखा ये पूछते रहना
वो सोने का बहाना
और ज़ुल्फ़ों कि आड़
से झांकते रहना
और तेरा रूठ जाना |
इस बीच हवा से
वो तेरे चेहरे पर से
जुल्फों का उड़ जाना ....!
वो भागते हुए तेरा
ट्रेन पकड़ना और
मेरी चाबी साथ ले जाना
वो फोन का आना
वो तेरा झल्लाना
वो रातों का जागना
और सुबह सो जाना
उठाने के लिए में हूँ न
तो कल से क्या घबराना |
वो मेरे गाल पर कुछ कुछ लिख्ना
और फिर क्या लिखा ये पूछते रहना
वो सोने का बहाना
और ज़ुल्फ़ों कि आड़
से झांकते रहना
बहुत याद आता है
वो गुजरा जमाना .....!
वो गुजरा जमाना .....!
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