Wednesday, February 12, 2014

१२ फरबरी २०१४ आज की कविता
प्रमोद दीक्षित
कहा हो ?कहा रहती हो?
भूल जाती हो फिर याद ही नहीं करती
में तो कभी न भूला 
सुबह शाम,तुम्हारा ही नाम
धुप में छाँव में
शहर में गाव में
जागते सोते
कही भी कभी भी
तुम ही याद रहती हो
माँ जगदम्बे ...
भूल न जाना
में भी हूँ ,शिशु तुम्हारा
बिलखता ,याद करता

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