Sunday, February 23, 2014

23 फरबरी २०१४ आज की कविता ..
डॉ प्रमोद कुमार दीक्षित
जागो मेरे मन -
मोहन प्यारे !
जागो रे !
बोलो मेरे मन -
मोहन प्यारे !
बोलो रे !
भूलोक में बोलो ,
परलोक में बोलो
सभा चिल्लाती है
वहाँ तो बोलो
बीवी के आगे बोलो
टी वी के आगे बोलो
आम के आगे बोलो
दाम के आगे बोलो
क्रोध से बोलो
शांति से बोलो
पर बोलो
जाने के पहले बोलो
पर कुछ तो बोलो
कुछ तो बोलो...

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