Friday, February 14, 2014

14 फरवरी 2014 आज की कविता
प्रमोद दीक्षित
प्रेम सिर्फ एक बार नहीं होता
ये तो बार बार होगा
क्यों लिखू इस बात पर
सभी को पता है
करें सब, कहू सिर्फ मै
झूठ बोलते लोग
रिश्तों को ठगते लोग
उमड़ पड़े हैं लोग
जानते हैं पर मानते नहीं
कि प्रेम बार बार होगा।
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