Wednesday, March 12, 2014

१२ मार्च २०१४ आज की व्यंग्य रचना
डॉ प्रमोद कुमार दीक्षित
--------------------------------------------------------सामान्य हिंदी ज़रा हट के
प्रश्न १.निम्नलिखित अवतरण कि व्याख्या कीजिये और शीर्षक प्रदान कीजिये
"जो तेनु वेख्या साँसे गयी थम सारी सारी रात सोये ना हम"
१.उत्तर शीर्षक ..तेरी सूरत मेरी आँखें
पहली बात तो ये हे कि ये सिलेबस के बाहर हे ,क्युकी ये पंजाबी हे .फिर भी संचित ज्ञान के आधार पर लिख रहा हू...
कवि यहाँ बता रहा है कि हे सामने वाले व्यक्ति !जैसे ही तुम्हारे दर्शन हुए हें ,मेरी ह्रदय गति रुक गयी हे .तुम इतने भयानक प्राणी हो कि में सपने में तुम्हे देखने के डर से निद्रा मग्न नहीं हो पाया .मुझे मायोकार्डियल इंफार्कशन होते होते बचा हे.में रुपये ३०,००० /-का डॉ का बिल वैधानिक नोटिस के साथ भेज रहा हू .चुकाने का कष्ट करना वरना सचमुच का कष्ट शुरू हो जाये गा.आशा है आप आनंद सहित होंगे !न भी हों तो मेनू की?और हाँ मेरा भाई "भाई "है .जो तू ओने वेख्या ता सब कुछ थम जाना हे...

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