Friday, March 7, 2014

१.मेरी पहली दोस्त
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           मेरी सारी दोस्त लड़किया ही रही हें ,माँ कहती थी कि 1955  में मेरे मोहल्ले में मेरे अलावा सिर्फ लड़किया ही पैदा हुई थी .क्या किस्मत थी !!
                      मेरी पहली दोस्त नीलू थी ,५ साल का था में वो ४ साल की,उसने मुझे गुड़िया बनाना सिखाया ,फूलो की माला बना कर मुझे रोज़ पहनाती थी ,वो उस जाति कि थी जिसे SC  कहते है .मेरे माता पिता भेद भाव नहीं मानते थे .मेरे पडोसी ज़रूर कहते थे की ऊँची जात का लड़का जाति भ्रष्ट हो जायेगा.पर मेरे पिता इतने क्रोधी थे कि किसी की हिम्मत नहीं थी उनसे कुछ कहने की .नीलू मेरी बेस्ट फ्रेंड थी.वो सांवली, मोटी ,थी पर थी तो मेरी दोस्त ,उस से उषा नाम कि लड़की जलती थी ,उसकी भी  मुझ से दोस्ती थी.मुझे ये समझ में नहीं आता था कि दोस्त आपस में जलती क्यों थी,आखिर राखी  बांधने पर सबको एक एक आना [सिक्का]मिलता ही था .....
                        हा हा हा !तब दोस्त लड़किया बहने होती थी...ये उस ज़माने कि बात है जब चाँद  में पारियां रहती थी...!

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