Sunday, March 16, 2014

१६ मार्च २०१४ आज की कविता
डॉ प्रमोद कुमार दीक्षित --------------------ज़माना ही ऐसा है
मत करो किसी को प्यार
ज़माना ही ऐसा है
होता नहीं किसी को भरोसा
ज़माना ही ऐसा है 
मत करो विश्वास किसी पर
ज़माना ही ऐसा है
मत हो किसी पर निसार
ज़माना ही ऐसा है
देखता नहीं कोई आंसू तुम्हारे
ज़माना ही ऐसा है
दोष न दो ज़माने को
ज़माना ही ऐसा है
आखिर है तो ये हमसे
इसीलिए ......
ज़माना ऐसा है...!

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