Wednesday, March 5, 2014

०५ मार्च २०१४ ..आज की कविता
डॉ प्रमोद कुमार दीक्षित
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मेरा धर्म संगीत है ,नाद ,स्वर,सरगम
यही मेरे निगम आगम 
स्वर आनंद,परमानन्द नाद ब्रह्म ,
झंकृत अलंकृत,परम ब्रह्म ,
शिशु कि किलकारी,
मयूरध्वनि,मेघ गर्जन ,
बरसात की खुशबु
बच्चो का शोर
सर्दी की भोर
असमान की लाली
कानो की बाली
सब में हे संगीत
अनहद नाद
इश्वर की आवाज़
मेरे लिए हे सिर्फ मेरे लिए !

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