Saturday, March 15, 2014

१५ मार्च २०१४ आज की कविता
डॉ प्रमोद कुमार दीक्षित
---------------------------------होली कि मान मनोव्वल
देखो प्रिय तुम रूठा न करो
हम तुम्हारे हें भरोसा करो 
तुम्हे सोचा है,तुम्हे जाना है
तुम्हे पाया है,तुम्हे माना है
तुम साज़ की आवाज़ हो
तुम हमनवां ,हमराज़ हो
मेरी प्रियतमा मेरी हमसफ़र
उन रहमतों की बौछार हो
बहुत हुआ अब मान भी जाओ
मन की बातें जान भी जाओ
होली है कुछ रंग लगाओ
मेरे रंग में फिर रंग जाओ /...

No comments:

Post a Comment